कर्क
कर्क राशि क्या है?
कर्क राशि सम, स्त्री, चर एवं जल तत्व राशि है । कर्क राशि उत्तर दिशा को सूचित करती है। इस राशि की जाति ब्राह्मण, रंग दूधिया सफेद और जलचर में विचरण करने वाली है । इसका स्वामी चंद्रमा, गुरु कर्क राशि में उच्च के और मंगल नीच का फल देते हैं । इस राशि के लोग मध्यम कद के तथा कई बार छोटे भी होते हैं । शरीर एवं शारीरिक शक्ति कोमल होती है पुरुष स्त्री की तरह कोमल होते हैं एवं स्त्री जातक अधिक कोमल व सुंदर होती हैं। रंग साफ, गोरा तथा मुखड़ा गोल होता है। इस राशि के लोगों की चाल मस्तानी होती है। शरीर का ऊपरी भाग कुछ बड़ा और निचला भाग कुछ छोटा होता है। इस राशि के लोग मोटे भी हो जाते हैं और तोंद भी निकल जाती है। इनका पंजा काफी मजबूत होता है क्योंकि चंद्रमा हाथों का सूचक है जो कि हस्त नक्षत्र और कर्क का स्वामी है।
इस जाति के लोगों की कल्पना शक्ति बड़ी अच्छी होती है। कल्पना में बहुत दूर-दूर की उड़ाने भर आते हैं क्योंकि इस राशि के लोगों का चित चलायमान, परिवर्तनशील एवं क्रियाशील होता है। पवित्र आदर्शो पर चलने का पूरा प्रयास करते हैं तथा मन की बात किसी को कम ही बताते हैं। हवाई किले बनाना इनका स्वभाव होता है। स्वभाव एवं मानसिक स्थिति में चंचलता होने के कारण दूसरों के साथ एकसा व्यवहार करना इनके बस की बात नहीं होती। एक बात अथवा वस्तु को छोड़ दूसरे के पीछे पड़ जाते हैं तथा कई बार स्वयं ही संकट में फंस जाते हैं। विवेकशील, स्वतंत्र विचार तथा अनेक कामों में निपुण होते हैं। स्त्री जातक परिश्रम करने वाली, शासन करने की इच्छा रखने वाली तथा घर एवं बच्चों से यथाह प्रेम करती है। जैसे पानी जल्दी उबलने गता है, इस राशि वाले जातक भी जल्दी ही आवेश में आ जाते हैं। दूसरों के अधीन अथवा मिलकर काम करने से सफलता मिलती है और यदि शांत चित्त रहें तो शिखर पर पहुंच जाते हैं।
यह चर जल तत्व राशि है। मन में कई प्रकार की काल्पनिक तरंगों के कारण तथा स्वभाव परिवर्तन होने के कारण प्रेम संबंध स्थाई नहीं होते हैं और यह भावुक अधिक होते हैं। कई बार दोस्तों, मित्रों, परिजनों से बिगड़ जाती है तथा वे हानी पहुंचाने की कोशिश करते हैं। साधारण क्रम अनुसार इस राशि का चौथा घर है, यदि इसमें शुक्र तथा चंद्रमा बैठ जाएं तो 2 स्त्रियां अवश्य होती हैं । साधारणतया इसका पारिवारिक जीवन अच्छा एवं सुखद होता है। 7वे घर का स्वामी शनि होने के कारण यदि 7वे में घर पर अच्छे ग्रहों का प्रभाव ना हो, मंगल एवं शुक्र की स्थिति भी ठीक ना हो तो इसका गृहस्थ जीवन दुखों का घर बन जाता है। यह देखा गया है कि पति -पत्नी अकेले हो जाते हैं एवं पति-पत्नी को एकाकी ही अधिकतर जीवन व्यतीत करना पड़ता है।
भाइयों के साथ कम ही पटती है, क्योंकि भाइयों का कारक मंगल इसमें नीच फल का है । भाई कम भी होते हैं तथा बहन का प्यार भी इतना सुखद नहीं होता और जैसे कि पहले ही लिखा जा चुका है, कर्क लग्न के जातक घर एवं बच्चों को बहुत प्रेम देते हैं। इनकी संतान अच्छी होती है । पुत्र- पुत्रियां बराबर -बराबर होते हैं तथा उनको यह अपने खानदान की प्राप्तिओ के बारे में बड़े ही गर्व एवं शौक के साथ बतलाते हैं।
पढ़ाई में यह कुशल तथा होशियार होते हैं । उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करते हैं । छात्रवृत्ति प्राप्त करते हैं एवं मेरिट लिस्ट में इनका नाम आता है । इस राशि पर अशुभ ग्रहों का असर पड़ने के कारण पढ़ाई में विघ्न पड़ने की संभावना रहती है परंतु इनकी लग्न तथा परिश्रम शिथिल ना हो तो वे पढ़ाई के क्षेत्र में शानदार सफलता अर्जित करते हैं। यात्राएं बहुत होती हैं तथा लाभदायक ही होती हैं। स्थान परिवर्तन होता रहता है जो कम करना चाहिए । यात्रा में मित्रों से भय रहता है । यह जातक पर्यटन के बड़े, शौकीन होते हैं ।
व्यवसाय के क्षेत्र में बहुत सफलता प्राप्त करते हैं। व्यापार में कुशल एवं धन की अभिलाषा मन में रहती है। धन प्राप्ति में लगे रहते हैं। अधिकांश आय संतान आदि पर खर्च देते हैं। कई बार पिता का कहना भी नहीं मानते। सरकारी नौकरी, तरल पदार्थों का व्यवसाय, जज, मजिस्ट्रेट, कपड़े के व्यापारी, जमीन-जायदाद बेचने, स्टाफ नर्स, मंत्री आदि भी बन सकते हैं। यदि चौथे घर में, जो के चंद्रमा का घर है, शुक्र, गुरु आदि ग्रह बैठ जाएं तो घर वाहनयुक्त तथा घर में हर तरह का आरामदायक सामान होता है। ताश, सट्टा घुड़दौड़ मैं हानि ही होती है। 2,4,8,10,12,15,17,19,21,22,24,25,27,29,31,35,36,42,45,47,49,51,57 आदि आयु के वर्षों में पढ़ाई, उच्च शिक्षा, कारोबार, नौकरी, विवाह, संतान, यात्र आदि से संबंधित घटनाएं घटती हैं। रिसर्च एवं फिलॉसफी संबंधित विशेष परिणाम सामने आते हैं।
स्वास्थ्य साधारणतया ठीक ही रह है। फेफड़े, छाती, पेट, घाव-चोट की चिंता, बिना बात की चिंता आदि कष्ट हो सकता है। मन की नीडालता, शराब की आदत कईं बाहर हो जाती है तथा इस प्रकार पेट खराब रहने की संभावना भी रहती है। इस राशि के व्यक्तियों के लिए दिन सोमवार, दूधिया सफेद रंग तथा 2 नंबर शुभ होता है। 7-14 की संख्या की संख्या से भी प्रभावित होते हैं। मोती और मून -स्टोन 11रत्ती का चांदी की अंगूठी में सोमवार विधि अनुसार धारण करना शुभ फलदायक होता है।
2022 आपके लिए क्या मायने रखता है?
कर्क राशि: कर्क राशि वाले जातकों के लिए सन 2022 में मास आरंभ से ही बुध शनि की दृष्टि रहने से सेहत को लेकर के परेशानी रहेगी। बिना वजह की लड़ाई, मानसिक तनाव, सरकारी मामलों से परेशानी, शत्रुओं के द्वारा हानि की संभावना बनी रहेगी। परिवार के सहयोग से कुछ समस्याओं का समाधान होगा। फरवरी के महीने में मंगल बुध शनि आदि ग्रहों की दृष्टि लग्न पर रहने से खर्चे की अधिकता के कारण मानसिक तनाव एवं क्रोध अधिक रहेगा। बिना वजह की आपको इस समय यात्रा करनी पड़ सकती है। मार्च के महीने में भी उत्तेजना, क्रोध अधिक रहेगा और मन इस समय परेशान रहेगा। आपके द्वारा किए गए प्रयासों में इस समय आपको सफलता प्राप्त नहीं होगी। कारोबारी परेशानियां आपको अधिक रहेंगी और बिना वजह की लड़ाई से दूर रहे। किसी और की लड़ाई में अपनी टांग ना डालें।
अप्रैल के महीने में मंगल अष्टम में रहने से किसी उच्च अधिकारी से आपका विरोध हो सकता है और आप पर आरोप लगने के योग बनते हैं। विवाह संबंधी कार्यों में इस समय आपको सफलता प्राप्त होगी। मई के महीने में अष्टम भाव में बृहस्पति होने से आर्थिक समस्याएं अधिक रहेंगे। कारोबार में इस समय परिवर्तन हो सकता है जिसकी वजह से मन अशांत रहेगा। जून के महीने में मंगल लग्न में और बृहस्पति अष्टम भाव में होने से शारीरिक परेशानियां अधिक रहेंगे। आर्थिक तंगी, मन अशांत और पारिवारिक समस्याएं अधिक रह सकती हैं।जुलाई के महीने में बृहस्पति अपने घर में और शुक्र एकादश भाव में अपने घर में गोचर करेंगे। इस समय में आपके बिगड़े काम बनेंगे। सरकारी मामलों में आपको सफलता प्राप्त होगी। उच्च अधिकारी से आप के संपर्क बन सकते हैं। नया वाहन खरीदने के इस समय में योग बनते हैं।
अगस्त के महीने में सूर्य लग्न में और शनि की दृष्टि सूर्य पर रहने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां अधिक रहेंगे। पारिवारिक क्लेश अधिक रहेंगे। कारोबारी की समस्या भी अधिक रहेगी। सितंबर के महीने में भागेश गुरु अपने ही घर में होने से भाग्य आपका पूर्ण तरह से साथ देगा। कुछ सोचे समझे कार्यों में इस समय आपको सफलता प्राप्त होगी। अक्टूबर के महीने में बिगड़े हुए कार्यों में आपको सफलता प्रदान होगी। दांपत्य जीवन इस समय आपका सुखद रहेगा। नवंबर के महीने में भी भाग्य आपका पूर्ण तरह से साथ देगा परंतु खर्चे आपके अधिक रहेंगे और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी आपको अधिक रह सकती हैं। दिसंबर के महीने में संतान संबंधी विशेष किसी कार्य में इस समय आपको सफलता प्रदान होगी। संतान का सुख इस समय आप को पूर्ण तरह से मिल सकता है।