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Best Famous Vedic Astrologer in Chandigarh Mohali Punjab

मकर

मकर राशि क्या है?

मकर राशि एक सम, स्त्री तथा चर राशि है। पृथ्वी तत्व एवं स्वभाव सौम्य है। बात प्रधान व दक्षिण दिशा को सूचित करती है। जाति वैश्य तथा रंग काला होता है। मकर राशि रात में बलि और इसका विचरण स्थान भूमि है। इसका प्रभाव शर्द शुष्क है तथा संकेतिक चिन्ह मगरमच्छ है। इस राशि का स्वामी ग्रह शनि है,  मंगल इस राशि में उच्च फल को देने वाले तथा गुरु नीच फल देने वाले रहते हैं। यह जातक दुबले-पतले होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते फूलते हैं। युवा होते ही कद भी लंबा हो जाता है। शरीर पतला होता है तथा विशेष सुंदर नहीं होता। लंबा पतला मुखड़ा होता है तथा शरीर संगठित नहीं होता। बाल घने काले तथा साधारणतया घुटने कुछ कमजोर होते हैं। यह अनुशासन प्रिय, कुछ घमंडी, अपने बारे में ही सोचने वाले व करने वाले, तथा हर काम को सावधानी के साथ धीरे धीरे लेकिन फुर्ती के साथ करते हैं।

   यह हर काम को व्यवसायिक दृष्टि से देखते हैं। काम को सलीके से तथा अपने ढंग से धीरे-धीरे व सब्र के साथ करते हैं। पूरी तरह सोच-विचार के पश्चात ही कोई निर्णय करते हैं। सहनशक्ति अधिक होती है एवं संगठन की शक्ति बढ़िया होती है। यह आशावादी कम होते हैं। यह शांतचित्त, सहनशील, गहरी सोच विचार करने वाले एवं सत्ता के भी भूखे होते हैं। यह आज्ञाकार एवं विश्वासपात्र तो होते हैं पर इसका दिखावा नहीं करते। राजनीति के दाव-पेच जानते हैं तथा अपने हित हेतु बहुत कुछ करते एवं पलटी मारते हैं।  स्वभाव में उत्साह होता है परंतु यह क्रोध में भी आ जाते हैं और झगड़ा भी करते हैं। इनकी इच्छा शक्ति प्रबल होती है। एकाधिक कार्यों में यह समान रूप से माहिर होते हैं परंतु इनमें सच चरित्रवानता की कमी होती है सोचे समझे बिना काम कम ही करते हैं। 

   इनमें आत्मविश्वास की कमी नहीं होती परंतु एक मतानुसार यह कायर एवं डरपोक भी होते हैं। यदि लग्न तथा लग्न स्वामी पर शुभ प्रभाव हो एवं अशुभ प्रभाव ना हो तो यह जातक इमानदार, निष्ठावान, विश्वसनीय होते हैं आलसी नहीं होते तथा काम में लगे रहते हैं वह पूरी मेहनत करते हैं यदि कुप्रभाव हो तो जातक बेईमान, स्वार्थी, लालची, कंजूस, आलसी एवं अत्यंत निराशावादी बन जाते हैं। यह जातक पुराने विचारों के होते हैं। जीवन में कठिनाइयां एवं रुकावटें रहती हैं परंतु यह चिंता नहीं करते। यह जिस काम में हाथ डालते हैं, उसे तब तक नहीं छोड़ते जब तक सफल ना हो जाए। भाई बहन समान होते हैं तथा जातक का बड़ा भाई प्राय: होता है। भाई इनकी सहायता करते हैं हालांकि प्रत्युत्तर कम ही देते हैं। पढ़ाई भी यह खूब करते हैं। यह सहनशील एवं अध्ययनशील होते हैं।

    पढ़ाई में कठिनाइयां तथा रुकावटें आती हैं पर यह धैर्य तथा हिम्मत के साथ लगे रहते हैं तो सफल होते हैं। इन्हें शत्रु का भय होता है एवं अधिक मित्र शीघ्र नहीं बनते। पर जिनके साथ मित्रता करते हैं, जो भी करवाना चाहे करवा लेते हैं। मित्र सहायक सिद्ध होते हैं। विवाह देर से होता है तथा पत्नी सुंदर होती है एवं बड़ी होशियार, चुस्त होती है। यह अच्छे पति होते हैं तथा प्रेम का दिखावा कम ही करते हैं। घर हो अथवा दफ्तर हर जगह अनुशासन को पसंद करते हैं। इनके व्यवहारिक जीवन में तथा सुख में लोगों द्वारा अर्चना डाली जाती हैं। बच्चे अधिक नहीं होते। पहली संतान प्राय: लड़की ही होती है। इनके अनुशासन वाले व्यवहार एवं उदास से स्वभाव के कारण बच्चे भी उतने क्रियाशील, चुस्त नहीं होते, पर यदि पांचवें स्थान पर शुभ प्रभाव हो तो बच्चे चुस्त होते हैं। 

   बड़े-बड़े संगठन कंट्रोल करना, कार्यालयों तथा फैक्ट्रियों के हेड, टीचर, प्रोफेसर, अध्यापक, सरकारी अथवा उद्योगों में नौकरी, तेल, खदानों, मशीनों, इंजीनियरिंग तथा विज्ञान के कामों में सफल होते हैं। मकर राशि वाले जातकों के जीवन के 1,4,8,9,15,16,17,19,21,22,24,25,26,31,32,35,37,39,40,44,45,,46,53,54,55,58,62,64 तथा 67 वर्षों में पढ़ाई, शादी, कारोबार, तरक्की, उन्नति, यात्रा, संतान आदि हेतु महत्वपूर्ण घटनाएं घटती हैं। यात्राएं तो होती हैं परंतु इनमें अड़चनें आती हैं। आयु के प्रथम भाव में चोट लगने का डर तथा बहुत बीमार होने का भी भय होता है। वात रोग, जोड़ों के दर्द, गैस के कारण पाचन शक्ति में गड़बड़ रहती है। बिना किसी बीमारी गडर अथवा भ्रम इन्हें रहता है। आंखों की दृष्टि कमजोर अथवा आंखों के विकार भी हो सकते हैं। यदि जन्म कुंडली में 2,6,8,12 घरों में बुरे ग्रह ना हो तो दूर/ निकट की एवं अंतर्दृष्टि अच्छी होती है। 

   मकर राशि वाले जातकों के लिए शनिवार का दिन शुभ फलदायक, रंग काला एवं 8 की संख्या शुभ फलदायक होती है। इन जातकों के जीवन में 1,4 की संख्या भी बड़ी महत्वपूर्ण होती है। मकर राशि वालों के लिए नीलम रतन मध्यमा उंगली में डालना शुभ फलदायक रहता है।

2022 आपके लिए क्या मायने रखता है?

मकर राशि: मकर राशि वाले जातकों के लिए महीने के प्रारंभ से ही शनि के बुध के साथ लग्न में होने से व्यवसाय से परेशानी, तनाव धन संबंधी समस्याएं एवं परिवार से मतभेद रहेंगे। फरवरी के महीने में भी धन संबंधी परेशानियां एवं पारिवारिक मतभेद रहेंगे। अनावश्यक कार्य पर खर्चा, विघ्न बाधाओं के बावजूद गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। मार्च में मंगल, शुक्र और शनि ग्रहों की युति एक साथ होने से अकस्मात धन लाभ एवं उन्नति के अवसर मिलेंगे। परंतु इस समय आप परिश्रम एवं उद्यम करने पर भी यथा-अनुकूल लाभ प्राप्त नहीं कर पाएंगे। अप्रैल के महीने में सूर्य और चंद्र की युति तृतीय भाव में होने से पारिवारिक मतभेद और किसी निकट संबंधी से आपके विचार एक मतभेद होने की संभावना है। पारिवारिक समस्याएं इस समय अधिक रहेगी और पराक्रम में कमी आएगी। अत्याधिक मेहनत करने के बावजूद भी आपको लाभ कम ही प्राप्त होगा।

29 अप्रैल 2022 से शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और आपकी कुंडली के मुताबिक दूसरे घर में गोचर करेंगे जिससे कि आपकी धन संबंधी परेशानियां खत्म होंगी। अष्टम भाव में सूर्य उच्च राशि में राहु के साथ होंगे तो स्वास्थ्य विशेष का तौर पर ध्यान रखें। मई के महीने में कारोबार में तरक्की के योग, कारोबार संबंधी नई योजनाएं और अच्छा धन लाभ होने के योग बनते हैं। किसी नवीन कार्य के शुरू होने के योग बनते हैं। इस समय में आप का आत्मबल उच्च कोटि का रहेगा। किसी उच्च अधिकारी से आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। सरकारी मामलों में आपको विजय हासिल होगी। जून के महीने में भी आपकी पारिवारिक एवं आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। इस समय में आपकी अकस्मात यात्रा होगी जिससे कि आपको लाभ प्राप्त होगा। सरकार की तरफ से कोई नया प्रोजेक्ट मिल सकता है। अगर आप लंबे समय से सरकारी नौकरी की तलाश में हैं तो इस समय आप की तलाश होगी खत्म और आपकी मेहनत रंग लाएगी। जुलाई के महीने में सूर्य छठे भाव में रहेंगे। चंद्रमा अपने ही घर में सप्तम भाव में होने से विवाह संबंधी कार्य को पूर्ण करवाएंगे और सूर्य के छठे घर में होने से कोर्ट कचहरी के मामलों में इस समय आपको विजय प्राप्त होगी।

कर्जे से इस समय आप को मुक्ति मिलेगी और शरीर आपका स्वस्थ रहेगा। 12 जुलाई के बाद शनि वक्री रहेंगे। जिससे कि भाई आप बंधुओं के साथ संबंधों में तनाव ग्रस्त, क्रोध अधिक और मानसिक तनाव से ग्रस्त रहेंगे। इस समय में आप सर दर्द से ग्रस्त रह सकते हैं। घरेलू समस्याएं, खर्च अधिक और अत्याधिक संघर्ष के बाद भी धन लाभ अल्प रहेगा। सितंबर के महीने में बुध के दशम भाव में अपने ही घर में होने से नए-नए लोगों से आपके संपर्क बढ़ेंगे और राजनीतिक एवं उच्च अधिकारियों से इस समय आप के संपर्क अच्छे रहेंगे जो कि आपको व्यवसाय में आपकी सहायता करेंगे। सूर्य का भाग्य स्थान में रहने से भाग्य इस समय आप का पूर्ण तरह से साथ देगा और आपके द्वारा किए गए सभी प्रयासों में इस समय आपको सफलता प्राप्त होगी। पराक्रम में इस समय आपके वृद्धि होगी और पारिवारिक सुख भी इस समय आपको पूर्ण मिलेगा।

अक्टूबर के महीने में भूमि -वाहन आदि सुख साधनों में वृद्धि होगी। आय के स्त्रोतों में वृद्धि, देश विदेश की यात्रा तथा ग्रह में कोई मंगल कार्य भी होगा। इस समय में कोई लंबे समय से रुका हुआ काम आपका पूरा हो सकता है। नवंबर के महीने में शुक्र बुध, सूर्य केतु की युति दशम भाव में होने से मानसिक तनाव, गुप्त परेशानियां, निकट बंधुओं से मनमुटाव और सरकारी मामलों में आपको हार का सामना करना पड़ेगा। व्यवसायिक क्षेत्र में भी विघ्न बाधाओं व अड़चनों का सामना रहेगा। क्रोध एवं उत्तेजना से कोई बना हुआ काम बिगड़ सकता है। दिसंबर के महीने में एकादश भाव में बुध और शुक्र की युति होने से धन लाभ एवं उन्नति के पर्याप्त अफसरों के बावजूद समुचित लाभ प्राप्त होंगे। बिगड़े कार्यों में धीरे-धीरे सुधार होगा। पारिवारिक माहौल भी अच्छा रहेगा। शत्रु भी आपको इस समय हरा नहीं पाएंगे।