मोती चंद्रमा का रत्न है अर्थात इस का स्वामी चंद्र है आता है इसे पहनने से चंद्रमा संबंधी दोष नष्ट हो जाते हैं। विभिन्न भाषाओं में इसका भिन्न-भिन्न नाम है। संस्कृत में इसे मुक्ता, शक्तिज, इंद्ररतन; हिंदी में मोती; और अंग्रेजी में परल कहते हैं । भारत के प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मोतियों के बारे में जो वर्गीकरण किया गया है उसमें गजमुक्ता, सर्प मुक्ता, मीन मुक्ता, वंश मुक्ता, आकाश मुक्ता. शंख मुक्ता, मेघ मुक्ता, शुकर मुक्ता, सीप मुक्ता होते हैं । मोती इतिहास में अति प्राचीन है ।’ ऋग्वेद’ जैसे प्राचीन धर्म ग्रंथ में भी मोती की चर्चा की गई है। रोम में प्राचीन काल से ही मोती को श्रद्धा व आदर से देखने की प्रथा रही है।